भारत में दो कहावतें बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हैं एक कहावत है जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है और दूसरी है "कुत्ते की पुंछ कभी सीधी नहीं हो सकती" आश्चर्य जनक यह है कि ये दोनों कहावतें ही पाकिस्तान पर पूरम पट्ट फिट बैठती हैं। 1947 में जब कुछ जाहिल लोगों की जाहिल ख्वाहिश ने पाकिस्तान को जन्म दिया तो कारण ये दिया गया कि मुसलमान और हिन्दु एक साथ नहीं रह सकते तो लो जी कुछ गोरे अंग्रेजों और कुछ काले अंग्रेजो (काले अंग्रेजो से तात्पर्य वो लोग जिन्होंने इंग्लैंड में पढ़ाई लिखाई की और आज़ाद भारत के सर्वे सर्वा बने) ने दो देश बना दिये एक भारत और दूसरा पाकिस्तान। पाकिस्तान की स्थापना ही चूँकि धर्म के आधर पर हुई इसलिए वहां बात बात पर इस्लाम कुरान, कुरान इस्लाम के इर्द गिर्द ही सारी व्यवस्थाएं सिमटकर रह गई। तरक्की के नाम पर पाकिस्तान सुई तक नहीं बनाता और भारत जहाँ हर दीन धर्म के लोग अमूमन शान्ति के साथ रह रहे हैं मिसाइल, जेट ही नहीं बना रहा वरन मंगल और चाँद को भी हैलो बोल रहा है। आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और दिसम्बर तक चौथी अर्थव्यवस्था बन जाएगा वहीँ पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में अंदर बाहर हो रहा है। भारत जहाँ विकास की ओर तेजी से अग्रसर है वहीं पाकिस्तान आतंक और आतंकवादी पैदा करने में अव्वल नंबर पर काबिज है।
1948 में कबालियों के भेष में पाकिस्तानी सेना ने भारत पर आक्रमण किया, भारत ने जवाबी कार्यवाही की और नापाकियों को सबक सिखा दिया किन्तु नेहरू की एक गलती कि वो यूएनओ चले गए और सीज फ़ायर घोषित होने पर भारत पाकिस्तान द्वारा क़ब्ज़ाई कश्मीरी जमीन से हाथ धो बैठा। 1962 में तत्कालीन सरकार के कुछ ग़लत निर्णयों से भारत को चीन से हार का दंश झेलना पड़ा किन्तु 1967 में नाथूला की संक्षिप्त ज़ंग में भारत की सेनाओं द्वारा चीन को उसके हिस्से में घुसकर ऐसी मार लगाई कि चीन उससे अभी तक उभरा नहीं है। भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सैनिकों को पत्थर पर पटक पटक कर यमलोक पहुंचाया था। 1965 में पाकिस्तान ने दुस्साहस किया और मुहँ की खाई, कुछ साल शांति के साथ गुजारने के बाद 1971 में फिर पाकिस्तान ने हिमाकत की और पूर्वी पाकिस्तान को कटवाकर बांग्लादेश के रूप में एक नया देश बनवाने के लिए भारत को मजबूर किया गया। यहां ये उल्लेखनीय है कि विश्व के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी देश के 93000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया। 13 अप्रैल 1984 को सियाचिन ग्लेशियर में पाकिस्तान क़ब्ज़ा करता उससे पहले ही भारत ने ऑपरशन मेघदूत लांच कर पाकिस्तान का हैप्पी बर्थडे कर दिया। अब पाकिस्तान तो पाकिस्तान ठहरा उन्नीसवीं सदी बीतते बीतते 1999 में फिर उड़ता हुआ तीर अपने ऊपर ले लिया और भारत द्वारा ढंग से कुटाई करवाकर ही माना।
एक समय था जब भारत में कभी दिल्ली कभी मुंबई, पुणे, जयपुर कभी अहमदाबाद कभी हैदराबाद में ब्लास्ट होते रहते थे, भारत सरकार द्वारा बस पाकिस्तान को डोजियर पर डोजियर भेजे जाते रहते थे और पाकिस्तान उन्हें डस्टबीन में फेंकता रहता था। सबसे अधिक तकलीफ़ 26 नवम्बर-2008 को देश की वित्तीय राजधानी मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले में हुई क्षति का अंदाजा इसी से लगा लीजिए कि इस हमले में 166 मासूम लोगों ने अपनी जान गवांई और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। ये हमला लश्कर ए तैयबा से प्रशिक्षित 10 आतंकियों ने किया जिसमें से एक आतंकवादी अजमल कसाब पकड़ा गया जिसे बाद में फांसी दी गई। ये भारत की सम्प्रभुता पर सीधा हमला था किन्तु तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसके विरुद्ध पाकिस्तान पर कोई कार्यवाही नहीं की जिससे पाकिस्तान को आतंकवाद को खाद पानी देने में प्रोत्साहन मिला। 2014 में जैसे ही भारत में भाजपा सरकार बनी तो लोगों को भरोसा हुआ कि अब सभी प्रकार के आतंकवाद के नट बोल्ट कस दिए जाएंगे और ऐसा हुआ भी। जम्मू कश्मीर को छोड़कर भारत के शेष हिस्से में पिछले ग्यारह वर्षों में बम धमाके बंद हो गए। किन्तु पाकिस्तान ने 2016 में उड़ी पर दुस्साहस किया फिर 26 फ़रवरी 2019 को पठानकोट पर दुस्साहस किया, भारत ने पाकिस्तान को ऐसा तगड़ा जवाब दिया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की बेज्जती पर बेज्जती होती चली गई। किन्तु पाकिस्तान न पहले सुधरा था तो अब क्या सुधरेगा और वो पाकिस्तान ही क्या जो सुधर जाए साहिब।
16 अप्रैल को मियां मुनीर जो कि आतंकवादी देश पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष हैं ने एक महफिल में जिसमें जिसमें पाकिस्तान से बाहर रह रहे पैसे वाले पाकिस्तानियों को सम्बोधित करते हुए राग अलापा कि हिन्दू और मुसलामान अलग अलग कौम है इनके रीति रिवाज बोलचाल रहन सहन सब अलग हैं इसलिए हिन्दुस्तान से अलग होकर पाकिस्तान बना, इस सबका लब्बोलुआब ये था कि भैय्या पाकिस्तान से जाते हुए कुछ डॉलर दे जाना ताकि पाकिस्तान कुछ दिन और जी सके। लेकिन ये भाषण सिर्फ़ भाषण नहीं था वरन पाकिस्तान की जन्मजात गन्दगी जो वो मदरसों के माध्यम से अपने बच्चों के दिमाग़ में ठूस रहा है का प्रत्यक्ष उदाहरण पेश करना मात्र था सो ठीक छ: दिन बाद यानि 22 अप्रैल को लश्कर ए तैयबा ,टी आर एफ द्वारा भारतीय पर्यटकों पर पहलगाम में हमला किया हद तो तब हो गई जब उन आतंकियों ने इस हमले को ऑनलाइन अंजाम दिया। पर्यटकों से उनका धर्म पूछा गया उनसे कलमा पढ़ने को कहा गया नहीं पढ़ने पर पॉइंट ब्लैंक यानि सर/माथे पर गोली मारी गई। जिन्होंने कलमा पढ़ दिया, शक होने पर उनकी पतलून उतारकर चैक करके फिर गोली मारी गई वो भी बच्चों के सामने। कुल 26 भारतीयों और एक नेपाली भाई को दुर्दांत तरीके से मारा गया। ये सारा कांड तब किया गया जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस भारत की राजकीय यात्रा पर थे, मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर थे और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन अमेरिका की यात्रा पर थीं।क्या ये इत्तेफ़ाक था मेरी नज़र में बिलकुल नहीं क्यूँ की 2016 में डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के समय भी देश के गद्दारों ने दिल्ली दंगा प्लान किया था। मतलब साफ़ है कि पर्यटकों पर मज़हबी हमला जानबूझ कर ऐसे समय किया गया जब प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री दूसरे देशों की राजकीय यात्रा पर थे और अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत की राजकीय यात्रा पर थे। जब एक महिला पर्यटक ने कहा कि मुझे भी गोली मार दो तो आतंकवादी बोला तुम्हें नहीं मारेंगे जाओ अपने मोदी से बोल दो। बस इन आतंकियों से यही ग़लती से मिस्टेक हो गई। उन विधवाओं ने मोदी से कह दिया भाई देख ले और मोदी तो मोदी ठहरे।कह दिया तथास्तु!
22 अप्रैल की दुर्दांत घटना से पूरे देश का ग़ुस्से से उबलना लाज़िम था। प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब का दौरा छोड़कर सीधे भारती पहुँचे और एयरपोर्ट पर ही पहली बैठक कर डाली उधर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन भी अमेरिकी दौरा बीच में छोड़कर वापिस भारत आ पहुंची। आनन फानन में फैसले लेकर कुछ भी करना न मोदी की आदत है और न फ़ितरत सो पहली मीटिंग में पाँच फैसले लिए जिसमें सेना को एक्शन लेने की खुली छुट और सिंधु समझौते को रद्द करने का निर्णय लिया गया। फिर हर रोज़ एक नया फैसला लेकर पाकिस्तान की कमर हाथ पैर तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई। उधर पाकिस्तान को भी समझ आ गया कि अबके बार कुछ ज्यादा बड़ी ग़लती कर दी है सो जैसे वहाँ के नेताओं की आदत है रोज कुछ न कुछ प्रलाप शुरू हो गया, अब इस सबके बीच कुछ नेताओं ने आपदा में अवसर तलाशने की कोशिश शुरू कर दी जिसका उत्तर उन्हें भरपूर मिला। MIM के इतिहास को फ़िलहाल छोड़ दें तो आश्चर्यजनक रूप से ओवैसी
और उनकी पार्टी दृढ़ता के साथ सरकार के साथ खड़ी नज़र आई। कारण जो भी रहे हों किन्तु प्रत्यक्ष रूप से ओवैसी जी ने अच्छा फैसला लिया। ये पंक्तियाँ ओवैसी जी के लिए!
दोस्तों की अब यही पहचान है
खंजरो के पीठ पर निशान हैं
धर्म का निरपेक्ष रूप देखिए
मस्जिदों में हो रहा गुणगान है
लड़ते तो हैं हम भी आपस में 'प्रदीप'
पर रकीबो के लिए शैतान हैं
ऑपरेशन सिंदूर
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ये तो पक्का था मोदी बदला तो लेंगे सो पाकिस्तान ने अपने नेताओं के द्वारा कहलवाना शुरू कर दिया बस 72 घण्टे, 48 घण्टे, 24 से 36 घण्टे। अपनी पुरानी बीमारी से ग्रसित पाकिस्तान बार बार अपने पाव आध पाव के परमाणु हथियारों का ढिंढोरा पीटने से भी बाज नहीं आ रहा है। शायद इसीलिए कहा गया है विनाश काले विपरित बुद्धि। अब इनसे कोई पूछे भैय्या मोदी जी की आदत से परिचित नहीं हो क्या? तभी आएं बाएं शाएं बके जा रहे हो।अब मोदी जी पुतिन थोड़े ही हैं जो यूक्रेन पर 24 फ़रवरी को ही हमला करेंगे या बेंजामिन नेतन्याहू हैं जो हमास के हमले का जबाव 1, 2 दिन में देंगे। ये मोदी हैं पहले दौडायेंगे फिर थकायेगे फिर चुपके से पेल देंगे और वही हुआ इधर उधर की बातें आज ये होगा कल वो होगा परसों मॉक ड्रिल होगी 7,8 को हवाई अभ्यास होगा, पाकिस्तान ने सोचा चलो 8 मई तक साँस लेंगे उधर मोदी जी 6 मई की रात्री 1.05 से 1.25 बजे 9 ठिकाने 21 टार्गेट कुल 24 मिसाइल और मसूद अजहर के सभी रिश्तेदारों को लपेट दिए। भारत ने सवाई नाला कैंप, मुज़फ़्फ़राबाद, सैयदना बिलाल कैंप, मुज़फ़्फ़राबाद, गुलपुर कैंप, कोटली, अब्बास कैंप, कोटली, बरनाला कैंप, भिबर, सरजाल कैंप, सियालकोट, मेहमूना जोया कैंप, सियालकोट, मरकज ताईबा, मुरीदके और मरकज सुभान, बहलावपुर ठिकानों पर अपना प्रेम उड़ेला है। आशंका तो ये भी है कि मसूदवा भी पतली गली से जन्नत नशी हो गया है ख़ैर उसकी एक चिट्ठी वायरल हो रही है जिसमें वह लिख रहा है कि ख़ुदा मुझे भी उठा ले। बात कुछ हजम नहीं हो रही जिसके परिवार के सभी लोग निपट लिए हों वो जनाजे में भी नहीं दिख रहा जबकि चीफ ऑफ स्टाफ़ पाकिस्तान की ओर से अंतिम विदाई का गुलदस्ता ट्रेंड कर रहा हो तो कहने को जी करता ही है न कि "मामला गड़बड़ है"। इससे ये भी सिद्ध होता है कि विश्व में फैले आतंकवाद का पोषक सिर्फ़ और सिर्फ़ पाकिस्तान ही है और उसके आका पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफ़िया ऐजेंसी आई ऐस आई है। ये पूरे विश्व के लिए प्रत्यक्ष प्रमाण है।
ऑपरेशन सिंदूर चालू आहे
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अब पाकिस्तान तो पाकिस्तान ठहरा भारत की नकल करते हुए उसने भी 7 मई की रात्रि 1 बजे से डेढ़ बजे के बीच भारत के नागरिक ठिकानों पर हमले किया जिसमें एक गुरुद्वारा भी शामिल है जिसमें 3 लोग मारे गए। कुल 15 लोगों के मारे जाने की खबर है इसके उत्तर में भारत ने 8 मई के दिन में कराची, फैसलाबाद, रावलपिंडी और लाहौर स्थित HQ9 डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया यानि पाकिस्तान ने फिर सबक नहीं सीखा और अभी 9 बजे खबर आ रही है कि पाकिस्तान ने भारत के जम्मू कश्मीर, गुजरात और राजस्थान में कई फ्रंट खोल दिए हैं भारत की सेनाएं पाकिस्तान को मुहँ तोड़ जबाव दे रही है। इसका अर्थ ये है कि इस बार पाकिस्तान अपने कई टुकड़े करवाकर ही मानेगा।
जबरा मारे रोने न दे
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अंततोगत्वा पाकिस्तान ने फूल फ्लैशड ज़ंग शुरू कर दी है। भारत ने पहले उसके ड्रोन रोके और अब लाहौर सरगोधा और फैसलाबाद के डिफेंस सिस्टम बर्बाद कर दिए। भारत ने पाकिस्तान के 2 J 17 अवाक्स विमान मार गिराए हैं। पाकिस्तान का F16 विमान भी मार गिराया है साथ ही उसका पायलट भी भारत की गिरफ्त में है। नेवी के हिस्से में कराची आया है इसलिए नेवी भी अरब सागर में शुरू हो गई है। इसलिए जल से थल से और नभ से भारत अब पाकिस्तान पर कहर बनकर टूटेगी। पाकिस्तान की हालत का अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए कि इधर भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के लगभग सभी शहरों पर बमबारी जारी है उधर बी एल ए राकेट लांचरो से पाकिस्तान को ठोक रहा है और इस आपा धापी में इमरान समर्थक सड़कों पर आ गए हैं कि इमरान को रिहा करो। मतलब POK अन्दर और पाकिस्तान का सत्यानाश तय है।
प्रदीप भट्ट-09-052025
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