"ड्रग डे"
आज विश्व ड्रग डे है।
सर्वप्रथम अन्तर्मन ने एक प्रश्न किया इसकी क्या आवश्यकता है?
ख़ैर पश्चिमी सभ्यता जो भी दे उसे मीठा समझकर गप्प गप्प खा जाईये और अपने बच्चों को भी खिलाइये। आख़िर इसे अपना कर ही तो आप स्वयं क़ो साबित कर पाएंगे कि आप मॉडर्न हैं। किंतु भारतीय संस्कृति क़ो कड़वा समझकर थू थू करते रहिए। तो चलिए एक लघु कथा का रसास्वादन करते हैं।
युवा फ़िल्म डायरेक्टर मोहित वर्मा फ़िल्म क़े नायक सुदर्शन खन्ना क़ो सीन समझाते हुए बता रहे थे कि सुदर्शन ये सीन इंजीनियर कॉलिज क़े "एनुअल डे" पर आयोजित एक कार्यकम का है जहाँ आप प्रोफ़ेसर हैं औऱ कॉलेज स्टूडेंट क़ो ड्रग से दूर रहने औऱ इसे देश में पूरी तरह प्रतिबंधित करने क़े लिए आह्वान करते हैं। सुदर्शन ने हाँ में सर हिलाते हुए कहा हो जाएगा यार चिंता न कर वैसे भी मैं इसी कॉलिज का पास आउट हूँ। मोहित ने आश्चर्य से देखते हुए कहा, आपने पहले क्यूँ नही बताया। सुदर्शन ने चहकते हुए बताया सरप्राइज था तुम सबके लिए।
मोहित ने सब तैय्यारियों का जायज़ा लिया फ़िर एक्शन बोलते ही सुदर्शन ने अपने डायलॉग बोलने शूरु कर दिये किंतु ये क्या ? सुदर्शन बीच में ही अटक गया ख़ैर बार बार रीटेक से तंग आकर मोहित ने सुदर्शन क़े पास जाकर बोला, यार क्या हो रहा। सुदर्शन ने मोहित क़ो एक तरफ़ कोने में खींचते हुए अपनी बहुत बड़ी समस्या साझा की कि यार आज 'पुड़िया' नही ली है औऱ ये कम्बख्त मैनेजर भी इंतजाम नही कर पा रहा है, कह रहा है पुड़िया होटल में रह गई है औऱ होटल यहाँ से 60 किलोमीटर दूर है औऱ हाँ एक बात औऱ यार अब तू मुझे ड्रग पे भाषण मत पेलना। पुड़िया लिऐ बिना मुझसे एक्टिंग नही होती।
मोहित ने एक तीखी नज़र सुदर्शन पर डाली फ़िर हँसते हुए कहा बिना पुड़िया मुझसे भी डायरेक्टिरी कहाँ होती है? मूड ही नही बनता ससुरा। फ़िर दोनों मुस्कुराते हुए वैनिटी वैन की तरफ़ चल दिये।
- प्रदीप देवीशरण भट्ट -
26:06:2021