Tuesday, 9 August 2016

देर आयद दुरुस्त आयद यानि gst


                      " देर आयद दुरुस्त आयद यानि GST"

      आखिर 3 अगस्त-2016 को राज्य सभा ने और कल लोकसभा ने पुन: जीएसटी यानि वस्तु एवम सेवा कर को पारित कर भारतीय इतिहास मे एक नए अध्याय की शुरुआत की। ऐसा भी नहीं है कि राज्य सभा के पारित करने भर से ही जीएसटी पूरे देश मे तुरंत लागू हो जाएगी और तुरत फुरत इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगेंगे। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा और देश के 29 राज्यों मे से 15 ने इसे पारित कर दिया तो ये पूरे देश मे लागू हो सकने का मार्ग प्रशस्त भर करेगा किन्तु इस 15 राज्यों के अनुमोदन के पश्चात ही राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। यहाँ यह कहना अति आवश्यक है कि इसे समझने और इसके फायदे नुकसान के विश्लेषण से सभी पार्टियां बचती रही हैं। अगर कुछ किया है तो बस इतना इसे बिना पढे और समझे बयान बाजी कर डाली जिससे कि ये अति महत्वपूर्ण बिल पिछले लगभग दस वर्षो से त्रिशंकु कि भांति हवा मे लटका रहा और बुधवार 3 अगस्त को आखिरकार लंबी मान मनोवत के 203/203 से पास कर दिया गया जो कि देर से ही सही एक शुभ संकेंत है। चूंकि सभी राज्यों के अपने अपने तर्क वितर्क थे अतएव जीएसटी से पेट्रोल और पेट्रो पदार्थो को फिलहाल अलग रखा गया है। इससे पहले कि मैं इस पर कुछ विशेष टिप्पणी करूँ आइये जानने कि कोशिश करते है कि जीएसटी कब,कहाँ और कैसे लागू हुआ।

      फ्रांस मे 1954 मे प्रथम बार GST( the difference between sales and the cost of purchased material inputs)  लागू किया गया जिसे बाद मे लगभग 120 देशो ने अपने यहाँ अपनाया।  अर्जेंटीना पेरु टर्की ने इंकम टाइप जीएसटी एवम चाइना फ़िनलंड मोरक्को और सेनेगल ने employed a GDP type जीएसटी को अपनाया। वर्तमान मे पूरे विश्व मे तीन प्रकार के जीएसटी लागू हैं।
1॰    The most common method, the consumption type, permits
Businesses to deduct immediately the full value of the tax paid on capital purchases.
2.    A second approach, the national income type, allows only a gradual deduction of GST paid on capital purchase over a number of years, much like depreciation.
3.    If no allowance is given for the tax paid on capital purchase, the tax is called the gross national product type, because its base is approximately equal to private GNP. Because of its equal tax on profits from labour and capital and the resulting.
      पूरे विश्व मे कुल 160 देशों मे जीएसटी लागू है। जिसका पूरा विवरण इस प्रकार है :-
Oceania Countries (07 countries)

Sr
No
Name of Country   
Year
Percentage
1.
Australia
2000
10
2.
Fiji
1992
15
3.
New-Zeeland
1986
15
4.
Niue
2009
5
5.
Samoa
1994
15
6.
Tonga
2005
15
7.
Vanuatu
1998
13

Asian (07 Countries)
Sr
No
Name of Country   
Year
Percentage
1.
Indonesia
1984
10
2.
Thailand
1992
7
3.
Singapore
1993
3
4.
Philippines
1998
10
5.
Cambodia
1999
10
6.
Vietnam
1999
10
7.
Laos
2009
10






Caribbean, Central & North America (19 countries)
Sr
No
Name of Country   
Year
Percentage
1.
Antigua and Barbuda
2007
15
2.
Barbados
1997
17.5
3.
Belize
2006
12.5
4.
Canada
1991
5
5.
Commonwealth of Dominica
2006
15
6.
Costa Rica
1982
13
7.
Dominican Republic
1992
16
8.
El Salvador
1992
13
9.
Grenada
2010
15
10.
Guatemala
1992
12
11.
Haiti
1982
10
12.
Honduras
1964
12
13.
Jamaica
1991
12.5
14.
Mexico
1980
16
15.
Nicaragua
1984
15
16.
Panama
1976
7
17.
Saint Kitts and Nevis
2010
17
18.
Saint Vincent and the Grenadines
2007
15
19
Trinidad and Tobago
1990
15


South America (11 Countries)

Sr
No
Name of Country   
Year
Percentage
1.
Argentina
1974
21
2.
Bolivia
1986
13
3,
Brazil
1964
10
4.
Colombia
1983
16
5.
Chile
1974
19
6.
Ecuador
1981
12
7.
Guyana
2007
16
8.
Paraguay
1992
10
9.
Peru
1991
18
10.
Uruguay
1972
22
11.
Venezuela
1993
12














European (53 Countries)

Sr
No
Name of Country   
Year
Percentage
1.
Albania
1995
20
2.
Austria
1973
20
3.
Armenia
1993
20
4.
Azerbaijan
1992
18
5.
Azores
1986
16
6.
Belarus
1991
20
7.
Belgium
1971
21
8.
Bosnia Herzegovina
2006
17
9..
Bulgaria
1994
20
10.
Croatia
1998
25
11.
Cyprus
1992
18
12.
Czech Republic
1993
21
13.
Denmark
1967
25
14.
Estonia
1991
20
15.
Faroe Island
1993
25
16.
Finland
1994
24
17.
France
1954
19.6
18.
Georgia
1993
18
19.
Germany
1968
19
20.
Greece
1987
23
21
Hungary
1988
27
22.
Iceland
1990
25.5
23.
Ireland
1972
23
24.
Isle of Man
1973

25.
Israel
1976
18
26.
Italy
1973
21
27.
Jersey
2008
5
28.
Kosovo
2001
16
29.
Latvia
1995
21
30.
Liechtenstein
1995
8
31.
Lithuania
1994
21
32.
Luxembourg
1969
15
33.
Macedonia
2000
18
34.
Madeira
1986
22
35.
Malta
1999
18
36.
Moldova
1998
20
37.
Monaco
1954
19.5
38.
Montenegro
2003
17
39.
Netherlands
1969
21
40.
Norway
1970
25
41.
Poland
1993
23
42.
Portugal
1986
23
43.
Romania
1993
24
44.
Russia
1991
18
45.
Turkey
1984
18
46.
Serbia
2004
20
47.
Slovak Republic
1993
20
48.
Slovenia
1999
20
49.
Spain
1986
21
50.
Sweden
1969
25
51.
Switzerland
1995
8
52.
Ukraine
1992
20
53.
United Kingdom
1973
20

African Countries
Sr
No
Name of Country   
Year
Percentage
1.
Algeria
1992
17
2.
Benin
1991
18
3.
Botswana
2002
12
4.
Burkina Faso
1993
18
5.
Burundi
2009
18
6.
Cameroon
1999
19.25
7.
Cameroon
2004
15
8.
Cape Verde
2001
19
9.
Chad
2000
18
10.
Democratic Republic of the Congo
2012
16
11.
Ethiopia
2003
15
12.
Egypt
1991
10
13.
Equatorial Guinea
2004
15
14.
Gabon
1995
18
15.
Gambia
2013
40
16.
Ghana
1998
12.5
17.
Guinea
1996
18
18.
Guinea-Bissau
2001
15
19.
Ivory Coast
1960
18
20.
Kenya
1990
16
21.
Kenya
2003
14
22.
Madagascar
1994
20
23.
Malawi
2002
16.5
24.
Mali
1991
18
25.
Mauritania
1995
14
26.
Mauritius
1998
15
27.
Morocco
1986
20
28.
Mozambique
2008
17
29.
Namibia
2000
15
30.
Niger
1994
19
31.
Nigeria
1993
5
32.
Republic of Congo
2012
16
33.
Rwanda
2001
18
34.
Senegal
2001
18
35.
Seychelles
2012
15
36.
Sierra Leone
2009
15
37.
South Africa
1991
14
38.
Sudan
2000
17
39.
Tanzania
1998
18
40.
Togo
1995
18
41.
Tunisia
1988
18
42.
Uganda
1996
18
43.
Zambia
1995
16
44.
Zimbabwe
2004
15







     
Sr
No
Region      
Total Countries     
      Remarks     
1.
ASEAN
07
VAT/GST
2.
Asia
19

3.
Europe
53

4.
Oceania
07

5.
Af
rica
44

6.
Caribbean, Central North America
11

7.

19




शुरुआत मे उत्पादक राज्यों के लिए एक फीसदी अतिरिक्त टैक्स का प्रावधान हटाया जाएगा।केंद्र और राज्यों के मध विवाद होने पर जीएसटी परिषद ही इसका फैसला करेगी। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि किसी भी राज्य को होने वाले नुकसान को पाँच वर्षो तक शत प्रतिशत क्षतिपूर्ति केंद्र के द्वारा की जानी है। जहां केंद्र 12 प्रतिशत टीके उत्पाद शुल्क लागत है वही राज्य    इसे 18 प्रतिशत तक वैट के माध्यम से वसूलते हैं । इससे समस्या ये होती है कि कुल उपतदान पर तकरीबन 27 प्रतिशत तक टैक्स लग जाता है। जीएसटी आने से ये समस्याए स्वत: ही समाप्त हो जाएंगी। आंतरिक रूप से जीएसटी तीन भागों मे विभक्त है:-
      1॰    केंद्र और राज्यों को एक साथ समस्त उत्पाद की सिरीज़ पर जीएसटी लगाना।
      2.    केन्द्रीय जीएसटी को केंद्र द्वारा वसूल किया जाएगा।राज्यों के द्वारा इसे
            राज्य स्टार पर होने वाले business पर वसूल किया जाएगा।
      3.    राज्यों के बीच सामानो की आवाजाही पर भी केन्द्रीय टैक्स लगेगा।

      यहाँ ये भी उल्लेखनीय है कि एलेक्ट्रिसिटी,शराब और जमीन जायदाद कि खरीद फरोख्त पर जीएसटी लागू नहीं होगा। आगम कर क्रेडिट पॉलिसी के आधार पर ही जीएसटी का निर्धारण किया जाएगा।किसी वस्तु या सेवा का जो अंतिम उपभोक्त होगा उसको मात्र आपूर्ति सिरीज़ के अंतिम विक्रेता कि तरफ से आरोपित किया जाने वाला जीएसटी का ही भुगतान करना होगा। इस वयवस्थ से उत्पादक और उपभोक्ता प्रदेश दोनों को ही लाभ होगा। अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो जीएसटी लागू होने से जहाँ कुछ चीजे महंगी होनी निशिचित है वहीं कुछ चींजे सस्ती भी हो जाएंगी, किन्तु ये सारी कवायद को करने मे लगभग दो वर्षो का समय तो लगेगा ही। अतएव अब समझदारी इसमे ही है कि इसे सभी राज्य सरकारें मिलजुल कर आपसी सहमति से इसे कम से कम 15 राज्यों मे पास कराये ताकि इसके किर्यान्वयन मे गति आ सके।

                                                :: प्रदीप भट्ट ::09-08-2016




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