Thursday, 5 January 2023

"आख़िर गाँधीनगर में चाँद लोकार्पित हो ही गया "

रिपोतार्ज़

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“ आखिर गाँधीनगर में चाँद लोकार्पित हो ही गया”

“असलियत में चाँद मेरे पास है”

अक्टूबर-2022 के अंतिम सप्ताह में आदरणीय सुरेश नीरव जी जो कि देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था "अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष का फोन आया कि 28,29 व 30 दिसम्बर को संस्था का 17 वां राष्ट्रीय अधिवेशन गुजरात की राजधानी गाँधीनगर में 28,29 व 30 दिसम्बर को होना तय हुआ है। आप इस अधिवेशन में सादर आमंत्रित हैं। मैंने इस अधिवेशन में सम्मलित होने के लिए सहर्ष अपनी सहमति प्रदान कर दी। 🤗11 मई-2022 को प्रथम भेंट से लेकर अक्टूबर तक नीरव जी और मेरे मध्य घनिष्टता काफी बढ गई थी। जब भी फोन पर वार्तालाप होता था तो समय का पता ही नहीं चलता था। नीरव जी मुझसे काफी वरिष्ठ हैं किंतु हम दोनों ही दुनिया भर के विषयों पर अपना अपना दृष्टीकोण एक दूसरे से साझा करते रहे। ये सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है। राष्ट्रीय अधिवेशन की तैय्यारियों के विषय में भी काफी विस्तृत चर्चा हुई। देश भर से निकलने वाले समाचार पत्रों में अधिवेशन से सम्बंधित समाचार छप रहे थे, जिन्हें एक निश्चित समय के बाद ही सोशल मीडिय पर प्रचारित प्रसारित करने का निर्णय लिया गया। किसी भी कार्यक्रम की सफलता एक दिन में नहीं मिलती उसके पीछे कढी मेहनत और एक सुदृढ रणनीति की आव्श्यकता होती है जिसमें नीरव जी सिद्धहस्त हैं।🌹 इस पूनीत कार्य में प्रिय ऋषि सिन्हा, पटना और दिनेश दवे जी इंदौर की मेहनत साफ झलकती है।🌷

खैर इसी बीच नवम्बर माह में मुझे तीन दिवसीय मेरठ लिटरेचर फेस्टीवल में अपनी सहभागिता और जिम्मेदारियों को भी पूरा करना था सो वहाँ से फ्री होकर वापिस हैदराबाद आते हुए आदरणीय नीरव जी से पुन: भेंट करने का अवसर मिला। वही गर्मजोशी से स्वागत, मधु जी के हाथ का बना सात्विक भोजन ग्रहण करने का फिर सौभाग्य मिला। घंटो चर्चा हुई सो अलग्। शाम को फ्री होकर दिल्ली में अपने प्रिय मित्र और बडे भाई समान पवन गोयल के पास हाजरी लगाई। पहली बार दिल्ली -बंगलौर राजधानी ट्रेन का टिकिट कंफर्म नहीं हुआ। वेटिंग 14 पर अटक गया। हवाई यात्रा का विचार किया तो अगले तीन दिन तक भी 18 हजार से टिकिट कम नहीं ( कभी कभी ऐसा भी होता है) सो तय किया कि वाया मुम्बई जाया जाए, फिर टिकिट बुक की पर “अफसोस दिल गड्ढे में” इस बार वेटिंग 41 पर आकर रुक गई और कोई चारा न देख दिल्ली-यशवंतपुर विंडो टिकिट निकाला और राम का नाम लेकर चढ गये। 😅ईश्वर की कृपा रही और जैसे तैसे हैदराबाद पहुँच ही गये। अगले ही दिन सन्मति प्रकाशन से फोन आ गया कि आपकी पुस्तक “ असलियत में चाँद मेरे पास है” स्पीड पोस्ट से रवाना कर दी गई है। जिसे मेरठ लिटरेचर में लोकार्पित होना था वो अब प्रतीक्षारत्त थी।  पार्सल खोला तो एक किताब स्वत:उछलकर सामने आ गई जैसे पूछ रही हो बेटा अब क्या करोगे। 😹2023 में होने वले इंडो नेपाल फेस्टिवल तक हमें इंतेज़ार कराओगे क्या। हमने भी उसी अंदाज़ में जवाब दे डाला न बहन न ऐसा कतई न होने देंगे, अच्छा सुनो गाँधीनगर में तुम्हारे चेहरे से नकाब हटा दें क्या। 😉अब बारी थी कवर पेज पर चाँद के चित्र की वो भी मूड में आ गया और बोला “ भय्ये जो करना है करो लेकिन करना 2022 में ही 2023 में करने की सोची तो नकाब हटाने पर एडिशनल 28% जी एस टी ठोक देंगे।😱 हमारी और किताब की ये वार्ता चल ही रही थी तभी नीरव जी फोन आ गया हमने अपनी दुविधा बताई तो बोले ये तो बडी अच्छी बात है ये तो सोने पे सुहागे वाली बात हो गई थी सो नीरव जी से बातचीत खत्म कर हमने विजयी मुस्कान के साथ किताब पर दृष्टी डाली तो चाँद का चेहरा उतरा पाया शायद उसे 28% एडिशनल जी एस टी न मिलने का मलाल सता रहा था।🤨

नियत दिन यानि 27 दिसम्बर-2022 को हमने राजकोट एक्स्प्रेस से अहमदाबाद के लिए सफर शुरु किया। आश्चर्य राजकोट एक्सप्रेस सिकंद्रराबाद से बनकर चलती है और 18 मिनिट्स लेट हैय्यं ये क्या हो रहा है ( लोहानी जी, अध्यक्ष इंडियन रेलवे, तनिक इस पर ध्यान दें हुज़ूर ) 28.12.2022 को अपरान्ह 2 बजे अहमदाबाद वहाँ से टैक्सी से गाँधीनगर और फिर होटेल में एंट्री। दवे जी से बात हुई तो बोले हुज़ूर रुम नम्बर 1011 आपकी राह देख रहा है, हमने फिर पूछा तीन दिनों के हमारे रुम पार्टनर का नाम तो बोले डॉक्टर एल बी तिवारी “अक्स” जी हैं। एक बेहरतीन इंसान लेकिन थोडा रिजर्व नेचर के लेकिन हमारे साथ जल्दी ही घुलमिल गये। फ्रेश हुए तो 5 बजे से फेसबुक लाइव शुरु हो गया, बेहतरीन कार्यक्रम। हमने भी अपनी एक रचना “बीते साल की बातें करके क्या होगा, हम अच्छे तो साल नया अच्छा होगा” पढ दी, अच्छी सराहना बटोरी। 🥰अगले दिन सुबह स्वामीनारायण मंदिर द्वारा संचालित स्कूल में कार्यक्रम रखा था। नई तकनीक से लैस बढिया हॉल, समुचित व्यव्स्था। 17वें  अधिवेशन में देश के विभिन्न भागों से पधारे लोगों से परिचय हुआ। जिनमें प्रतापगढ (उत्तर प्रदेश) से डॉक्टर एल बी तिवारी “अक्स”,गुरुग्राम से राजेंद्र व इंदु निगम, इंदौर से दिनेश दवे एवम आलोक रंजन, रतलाम से यशपाल, देहरादून से सुभाष चंद सैनी, दिल्ली से ब्रहमदेव शर्मा,उमंग सरीन, रंजना मजूमदार, राजेश लखेरिया, गाज़ियाबाद से सुरेश नीरव व मधु मिश्रा राजस्थान से मधु मुकुल चतुर्वेदी, प्रमिला व्यास, उज्जैन से हास्य कवि राज, बिहार से ऋषि सिन्हा, अहमदाबाद से आभा मेहता, मुम्बई से डॉक्टर ऋचा सिन्हा एवम बंगलौर (कर्नाटक) से मेरे प्रिय मित्र और भाई ज्ञान चंद मर्मज्ञ और हाँ भईय्या तेलांगना से हम यानि नाम तो सूना सूना सूना सूना और एक बार सूना होगा ही। कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ डॉक्टर बलवंत शांतिलाल जानी जो कि केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर (मध्य प्रदेश) के कुलाधिपति हैं के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।  इस अवसर पर दूरदर्शन पटना के निदेशक राजकुमार नाहर जी मुम्बई से पधारे संगीतकार शिव राजोरिया एवम उनकी धर्मपत्नि डॉक्टर ज्योतसना राजोरिया (बेहतरीन गायिका- माँ सरस्वती की कृपा है) भी उपस्थित रहे। फिर बारी आई आपके भाई की पुस्तक “असलियत में चाँद मेरे पास है” के लोकार्पण की जिसे मेरे अतिरिक्त मंच पर उपस्थित अतिथियों द्वारा लोकार्पित किया गया। दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन जिसमें हमने अपनी प्रेम के ऊपर एक रचना 
“चल स्लेट पर फिर लिख डालें, अपनी प्रेम कहानी को
कच्ची उम्र के कच्चे सपने, अपनी उस नादानी को”

अगले दिन यानि 30.12.2022 को हमने डॉक्टर भागिया “खामोश” से मिलना तय किया साथ में हमारे अब तक प्रिय हो चुके एल बी तिवारी “अक्स” जी साथ ही थे। एक आत्मीय और जोश से भरी हुई मुलाकात, लगभग 4 घंटे तक छोटी किंतु जानदार गोष्ठी जिसमें हमारा साथ श्रीमती भागिया ने भी दिया । घर का खाना फिर सांय को विदाई। अगले दिन सुबह अक्स जी एअर पोर्ट और हम वडोदरा ।पारिवारिक मित्र से एक हसीन मुलाकात साथ में लंच फिर प्रिय रश्मि (सृजन) एवम प्रिय शिवम (राब्ता) ने एक प्रोग्राम रखा हुआ था को अटेंड करते हुए सायं को ट्रेन पकडी और 2022 की यात्रा को 2023 के प्रथम दिन विराम दिया। एक महत्वपूर्ण बात ये रही कि गुजरात महोत्सव की पूरे दिन दूरदर्शन गिरनार द्वारा कवरेज की जाती रही।


मिले भी किंतु मिले नहीं
फूल अधर के खिले नहीं
याद तो आनी निश्चित लेकिन
नयन से मोती ढले नहीं
तन की दूरी माना लेकिन
दिल तो तेरे पास प्रिये
नहीं कभी ये सकता कि
‘दीप’ तुम्हारा जले नहीं 


प्रदीप देवीशरण भट्ट-
05.01.2023

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