Friday, 17 January 2025

पाठ

            पाठ 

         सोफिया स्कूल का हॉल खचाखच भरा हुआ था.
शिरीष जो कि एक मौसम विज्ञानी था और ग्लोबल वार्मिंग पर अब तक उसकी चार किताबें आ चुकी थीं महीने में एक दो नेशनल या इंटरनेशनल सेमिनार अटेंड करने उसे यहाँ वहाँ जाना पड़ता रहता था इसलिए पेरेंट्स मीटिंग में ज्यादातर पत्नि मोनिका ही स्कूल आती थी किन्तु आज चूँकि स्कूल में ग्लोबल वार्निंग को लेकर शिरीष का लेक्चर था तो उसने सोचा लेक्चर के साथ साथ आज तथागत की ये शिकायत भी ख़त्म हो जाएगी कि पापा पेरेंट्स डे पर क्यूँ अनुपस्थित रहते हैं. वो मन ही मन बुदबुदाया बच्चों को क्या पता कि काम का दबाव क्या होता है, बुदबुदाते हुए उसने मोनिका को पेरेंट्स रो में बैठने का इशारा किया और स्वयं प्रथम पँक्ति में जा बैठा. 

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