Sunday, 24 September 2023

कमिटमेंट है तो है

रिपोतार्ज

     "कमिटमेंट है तो है"

सृजन एजुकेशन ट्रस्ट 
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सृजन एजुकेशन ट्रस्ट यानि SET
की निदेशक/अध्यक्ष रश्मि रंजन का फ़ोन आया अत्र कुशलम तत्रास्तु के उपरांत सूचना दी कि सर set का पहला बर्थडे है,16 अक्टूबर को आपको तो आना ही पड़ेगा। अनुजो को पूरा हक है कि वे अग्रजो से बात मनवा लें 😁 ख़ैर मैंने एक सुझाव रखा कि बेहतर होगा कि यह कार्यक्रम पहले रख लिया जाए या बाद में क्यों कि १९ से २८ तक गणेशोत्सव फिर श्राद्ध पक्ष शुरू हो जाएंगे। मेरी बात को तवज्जो दी गईं और लीजिए हुज़ूर २० सितंबर फाइनल हो गया। मैंने भी टिकिट वगैरह बुक की और निवेदन किया कि मेरे लिए एक होटल की व्यवस्था कर दी जाएगी। जिसे अमान्य कर दिया गया और बताया गया कि आपको सीधे घर पहुंचना है बिना किसी अन्य को सूचना दिए।🤣 पिछला अनुभव ख़ैर जैसी प्रभु की इच्छा!

15 को भरी बारिश में पहले मेरठ से नोएडा अगली पुस्तक "उर नाद" के प्रकाशन की चर्चा हेतु फिर आदरणीय नीरव जी के साथ लंच और केरलम महोत्सव पर गहन चर्चा हुई फिर वहां से सीधे निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन। 🚂 ली और सुबह ११ बजे भोपाल। और ये क्या बारिश हमारे स्वागत के लिए पलक पांवड़े बिछाए तैय्यार जैसे कह रही हो राजा भोज की नगरी में मेहमानों का स्वागत ऐसे ही होता है। मित्र थोड़ा विलंब से पहुंचे तब तक हमने स्टेशन मैनेजर से स्टेशन पर और शौचालय में पसरी हुईं गंदगी और कुव्यवस्था पर अपनी नाराज़गी दर्ज़ करा दी।

झमाझम होती बारिश में अक्षय बंसल जी गाड़ी सहित स्टेशन पर हाज़िर। सीधे जा पहुँचे उनके इको सेंटर पर वैसे तो हम चाय नहीं पीते लेकिन मौसम को देखते हुए हाँ भर  दी। शाम को एक गोष्ठी निश्चित थी किंतु बारिश बारिश और सिर्फ़ बारिश क्या करते। जैसे तैसे नियत वैन्यु पहुँचे,थोड़ी देर इन्तेज़ार किया फ़िर मैं अक्षय जी रुपाली सक्सेना और उनके सुपुत्र अविरल जो इंदौर में रहकर B Tech कर रहे हैं एक मात्र श्रोता की उपस्थिति में कविताओं का दौर चालू हो गया। ❤️ प्रिय रुपाली उपहार स्वरूप माँ सरस्वती की मूर्ति लेकर आईं थीं जिसे लेने से मना नहीं किया जा सकता था। thx dear। पेटपूजा के बाद अक्षय जी ने रानी कमलावति  रेलवे स्टेशन ड्रॉप किया। 17 की तड़के यानि 12:40 ट्रेन ली और 11 बजे नाशिक मित्र ऋषि देव के पास। अगले दिन सुबह 5 बजे कार से पूना और उसी दिन 11 बजे वापिसी। रास्ते में  पता चला मुंबई से वडोदरा की ट्रेन ज़ियादा बारिश के कारण कैंसिल हो गईं है। बड़ी पशोपेश में पड़ गया फ़िर और कोई रास्ता न देखकर फ्लाइट की टिकिट निकाली। रश्मि से  कमेंटमेंट किया है सो पहुंचना तो है। कमिटमेंट है तो है 🤛।

19 को नाशिक से सुबह सुबह  निकले 11बजे मुंबई दोस्तों से मिले डॉक्टर नागर के साथ लंच लिया शाम को अरुण भाई से गुफ़्तगू की और सीधे एअरपोर्ट। 20 की सुबह फ्लाइट ली और सीधे वडोदरा। शाम को सृजन एजुकेशन ट्रस्ट के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। अच्छी खासी तादाद में लोकल सहित्यकारों ने अपनी  उपस्थिति दर्ज़ कराई। बढ़िया कवि गोष्ठी संपन्न हुईं। तभी गोकुल क्षत्रिय अपने मित्र के साथ बारिश से लड़ते झगड़ते कई वाहनों में सफ़र करते हुए कार्यक्रम में पहुँच ही गये। पिछले वर्ष की गोवा की यादें ताज़ा हो गईं। 

अगले दिन बंसल जी से मुलाक़ात हुईं फ़िर एक मित्र के यहाँ लंच लिया और शाम को आद्या के हाथ की बनी हुईं स्पेशल आइसक्रीम का आनंद लिया ही था कि प्रिय रंजन सिंह (रश्मि जी के पतिदेव ) ने एक थैला जिसमें फ्रूट, खाखरा नमकीन कुछ और भी साथ में था मेरे हाथ में थमा दिया। मुझे सृजन द्वारा प्रदान किये पौधे को विशेष रूप से पैक करके दिया गया ताकि घऱ तक पहुँच जाए। घऱ से कुछ पहले ऑटो में आते हुए रंबल स्ट्रीप पर खाखरा साथ में कुछ और भी थैले से निकलकर धरती मईय्या पर बिखर गये जैसे कोई लड़की मायके में आकर ख़ुशी में बिखर गईं हो ग़नीमत रही मैंने समय रहते पौधे को संभाल लिया जो आज सूर्य की रश्मि से आलोकित होकर  बॉलकनी में मुस्कुरा रहा है। 

अंत में 15 सितंबर से शुरू हुआ सफ़र 22 की सायं पर संपन्न हुआ। इन सभी दिनों में एक भी दिन ऐसा नहीं था जिस दिन मैंने यात्रा न की हो। एक यादगार प्रवास की ख़ूबसूरत यादें संजोय जब सुबह उठा तो सोचा अख़बार की सुर्ख़ियां बाद में पहले रिपोतार्ज ही बना लूँ। 🤗🤗🤗

प्रदीप DS भट्ट -23923

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