नज़्म
"मेरी नज़र से"
मेरी कोशिश है
य़े स्केच ख़ूबसूरत हो
बिलकुल तुम्हारी तरह
जैसी क़े तुम दिखती हो
मैं पशोपेश में हूँ
लोग तुम्हें कैसे देखेंगे
पर चाहता हूँ तुम्हें देखें
भले ही एक बार
पर देखें मेरी नज़र से
य़े इतना मुश्किल भी नही
स्त्री को स्त्री सा देखना
मगर लोग देखते नही
देखते है उसके कपड़े
और शायद.....
मगर मैं आश्वस्त हूँ
मेरे साथ ऐसा नही होगा
लोग देखेंगे मेरी तन्मयता
मेरी मेहनत मेरा प्यार
मेरी नज़र से
-प्रदीप देवीशरण भट्ट-
28:09:2021
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